भाय कुभाय अनख आलसहुं, नाम जपत मंगल दिशी दासहूं -राजेश्री महन्त जी

अंतर्राष्ट्रीय श्री राम नाम बैंक के सम्मान समारोह में उपस्थित हुए महामंडलेश्वर जी
महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज होटल मंगलश्री, मुंगेली नाका, बिलासपुर में अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता शाखा संचालक महेश चंद्र गुप्ता ने की, प्राप्त जानकारी के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, यहां पहुंचने पर आयोजक मंडल के द्वारा राजेश्री महन्त जी महाराज का स्वागत किया गया। तदुपरांत उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि- भगवान श्री रघुनाथ जी के नाम को व्यक्ति चाहे जिस रूप में भी सुमिरन करें उसका कल्याण ही होता है, गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है कि – तुलसी मेरे राम को रीझ भजो या खीझ। खेत पड़े हैं ऊगिहैं, उल्टो सीधो बीज।। उन्होंने कहा कि किसान खेत में बीज को अपनी सुविधा के अनुसार सींचता है और फसल उगता ही है। रघुनाथ जी के नाम के चिंतन सुमिरन से व्यक्ति के जीवन में एक दिशा में कौन कहे? दशों दिशाओं में मंगल ही मंगल होता है। श्री रामचरितमानस में लिखा है कि -भाय कुभाय अनख आलसहुं। नाम जपत मंगल दिशि दसहूं।। इस अवसर पर उन सभी लोगों को सम्मानित किया गया जो प्रतिदिन राम नाम लिखकर उसे अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक में जमा करते हैं। उल्लेखनीय है कि यहां साधकों के द्वारा करोड़ों की संख्या में राम नाम लिखे जा चुके हैं। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रीमती नर्मदी गुप्ता, कृष्णकांत दुबे, शारदा गुप्ता, मनीष गुप्ता, नीलम तिवारी, ओम प्रकाश गुप्ता, चावड़ा जी तथा रेखेन्द्र तिवारी, मनोज यादव, प्रहलाद धींवर, प्रशांत शर्मा, मीडिया प्रभारी निर्बल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।