अन्नकूट के पश्चात प्रथम रविवार को सूर्य नारायण की पूजा की गई

श्री स्वामी बलभद्र दास जी महाराज के समय से चली आ रही है सूर्य उपासना की परंपरा
रायपुर स्थित श्री दूधाधारी मठ में अन्नकूट के पश्चात प्रथम रविवार को सूर्य नारायण की पूजा परंपरागत रूप से की गई। सुबह 9 बजे भगवान सूर्य नारायण को जल, दूध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित कर उनकी आराधना की गई एवं आरती के पश्चात श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। सूर्य उपासना के संदर्भ में महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने बताया कि -श्री दूधाधारी मठ के प्रथम आचार्य श्री स्वामी बलभद्र दास जी महाराज के समय से यहां सूर्य उपासना की परंपरा चली आ रही है मुझे मेरे गुरुदेव श्री स्वामी वैष्णव दास जी महाराज ने सूर्य आराधना की परंपरा के संदर्भ में जो कुछ बताया है उसका निर्वाह नवीं पीढ़ी के आचार्य के रूप में कर रहा हूं। भगवान सूर्य नारायण सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, बल, बुद्धि के स्वामी है इनकी आराधना से मनुष्य को आरोग्यता की प्राप्ति होती है। उन्होंने भगवान सूर्य नारायण से विश्व के कल्याण की प्रार्थना की इस अवसर पर श्री नागा जी महाराज, अनिल तिवारी, पुजारी राम अवतार दास जी, राममनोहर दास जी, रामदेव दास जी, रामभूषण दास जी, हर्ष दुबे, प्रवेश नारायण शुक्ला, जय शुक्ला,राजा वैष्णव, नेहरू, भीष्मा, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य नगरीकरण उपस्थित थे।