बेवजह अपने आचार्य का निराधार ना करें

जांजगीर-चांपा। खोखरा। मां मनकादाई परिसर में वंदना मनहरण द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में पंडित पवन कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि इंद्र ने गुरुदेव बृहस्पति महाराज जी का निरादर कर लंबे समय तक कष्ट में रहा दैत्यों द्वारा इंद्रलोक छीन लिया गया था कमल फूल में रहकर दिन गुजारना पड़ा था ब्रह्म हत्या का भी दोष लगा था इसीलिए बेवजह अपने आचार्य का निरादर ना करें आचार्य अपना आशीर्वाद सबको एक समान देता है अमीर हो चाहे गरीब हो आचार्य भगवान से यही प्रार्थना करते रहता है की जो अमीर है उन्हें सद्बुद्धि देना जो गरीब है उन्हें सुख संपत्ति देना पर जिसके लिए आचार्य जीवन भर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते आया है वही बंदा थोड़ा फूलने फूलने पर अपने आचार्य का निरादर कर दिखावे में आ जाता है और दूसरा आचार्य वरण कर लेता है वो तो ठीक है पर अब निरादर आचार्य का प्रणाम नहीं करना नहीं तो धीरे-धीरे तुम्हारा पुण्य आचार्य को ही मिलता जाएगा।