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काशी साहित्यिक संस्थान का तृतीय वार्षिक उत्सव कार्यक्रम संपन्न   

काशी साहित्यिक संस्थान ट्रस्ट का तृतीय वार्षिक उत्सव आयोजन 18 सितंबर को पराड़कर भवन वाराणसी में आयोजित किया गया ,जिसमें देश के कोने-कोने से रचनाकार अपनी उपस्थिति देने के लिए उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वस्ति वाचन तथा सरस्वती वंदना से हुई।
इस कार्यक्रम में ममता तिवारी जी की पुस्तक नील नलीनी  , डॉ मंजु गुप्ता कछावा जी की गज़ल संग्रह, सुनीता जौहरी जी की स्त्री, अनिकेत रंजन जी की पिता,सुनीलानंद जी की अजस्र बहते मोती का विमोचन किया गया। नील नलीनी जिसका प्रकाशन जौहरी पब्लिशर के माध्यम से हुआ है यह पुस्तक एक खंड काव्य है जिसमें मानवछंद पर आधारित 1011 पदों का समावेश है। इस पुस्तक में प्रेम, समर्पण व त्याग को दर्शाया गया है जो पढ़ने में काफी पठनीय है तथा हमें नील नलीनी की एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। साथ ही मंजू गुप्ता कछावा जी की पुस्तक अपने घर की ओर तथा अपनी तलाश में जो गजल संग्रह है मंजू गुप्ता कछावा जी द्वारा लिखी गई गजलों में हिंदी भाषा का आधिकाधिक उपयोग किया गया है तथा उनकी रचनाएं मुख्यतः जगजीत सिंह वह चित्रा सिंह जी के गायन शैली से प्रभावित होकर की गई है तथा साथ ही  इस समारोह में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र साहित्य सम्मान डॉ मंजु जी,राम समुद्रे जी, पुष्पा श्रीवास्तव शैली जी,मणिबेन द्विवेदी, डॉ माधवी मिश्रा शुचि, ललिता जी, रितु दीक्षित जी,राम बहाल कवि, उमाशंकर मणि जी,राजनारायण गुप्ता कैमी जी, सौदागर सिंह जी, कौशल किशोर मणि आदि को इस सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही अन्य सम्मानों में नव कोंपल साहित्य सम्मान बाल कवि मयंक सेठ, वर्षा मनोज द्विवेदी आदि को प्रदान किया गया। अन्य कार्यक्रमों में काव्य अंताक्षरी का आयोजन किया गया था जिसमें महिला और पुरुष की अलग-अलग टीमें बनाई गई थी जिसमें महिलाओं की टीम ने बाजी मारी और विजेता घोषित हुई तथा साथ ही उपनाम भी रचनाकारों को प्रदान किया गया जिसमें ममता तिवारी जी को मृदुला, डॉ माधवी मिश्रा जी को शुचि, डॉ मंजु गुप्ता जी को मंजु,राम समुद्रे जी को ‘रामा’, ललिता जी को कल्याणी, रिषी तिवारी जी को शिवराफू , सुनील जी को आनंद उपनाम प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि ओमप्रकाश त्रिपाठी ओम जी, डॉ मुक्ता जी तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. रचना शर्मा जी तथा अध्यक्षता सुनीता जौहरी जी ने किया।इस कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ माधवी मिश्रा शुचि जी, ललिता जी ने किया तथा व्यवस्थापक रितु दीक्षित जी तथा मीडिया प्रभारी रिषी तिवारी जी रहे।
कार्यक्रम में पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया था। जिसमें साहित्यकारों ने पुस्तक भी खरीदी और पुस्तक पर चर्चा भी की।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन काशी साहित्यिक संस्थान की संस्थापिका सुनीता जौहरी ने दिया उन्होंने सभी उपस्थित शारदे पुत्र – पुत्रियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि हमें हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए यथासंभव जो भी प्रयास करना होगा हम करेंगे।

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