भव्य शिकसा महोत्सव का हुआ आयोजन

(मैं शिक्षक हूॅ, वार्षिक कैलेन्डर का हुआ विमोचन व 200 शिक्षक हुए सम्मानित)
जांजगीर।शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ का राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन व सम्मान समारोह शिकसा महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन भारती विश्वविद्यालय दुर्ग में संस्थापक व संयोजक डॉ. शिवनारायण देवांगन “आस” के सफल संयोजन में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विजय बघेल सांसद दुर्ग लोकसभा, अध्यक्षता- गजेंद्र यादव विधायक दुर्ग शहर, अति विशिष्ट आतिथि- ललित चन्द्राकर विधायक दुर्ग ग्रामीण, अल्का बाघमार महापौर नगर निगम दुर्ग , विशिष्ट अतिथि- श्याम शर्मा सभापति नगर निगम दुर्ग, श्रद्धा साहू सदस्य जिला पंचायत दुर्ग व जागेश्वरी मेश्राम छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेत्री, परसराम साहू सलाहकार शिकसा दुर्ग उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती माता के पूजा अर्चना कर किया वही सरस्वती वंदना- हेमा चन्द्रवंशी, राजगीत- संध्या पाठक, स्वागत गीत- उषा भट्ट, शीर्षक गीत- डाॅ.प्रमोद आदित्य एवं मनीषा कश्यप, गीत- संयोगिता रात्रे, नृत्य- मंजूलता मेरसा एवं साथी, निशा महिलांग, अनामिका चक्रवर्ती तथा पुष्पांजलि ठाकुर, पूनम नेताम व कविता नेताम, गीत- चन्द्र कुमार चन्द्रा, हरमन कुमार बघेल प्रस्तुत कर कार्यक्रम को संगीत मय किया।
सर्वप्रथम संस्था पर विचार- डॉ. शिवनारायण देवांगन”आस” संस्थापक व संयोजक, अध्यक्षीय उदबोधन कौशलेंद्र पटेल- प्रातांध्यक्ष व नीता त्रिपाठी प्रातांध्यक्ष म.प्रकोष्ठ, सचिव प्रतिवेदन- डाॅ. बोधीराम साहू प्रदेश महासचिव ने प्रस्तुत किया।
अतिथियों द्वारा शिक्षकों के रचना साहित्य संकलन “मै शिक्षक हूं” व संस्था का वार्षिक कैलेन्डर का विमोचन किया गया, द्वार सजाओ रंगोली प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कृत किया गया जिसमें शिक्षक वर्ग में प्रथम शशिकला पाण्डेय, द्वितीय छाया साहू , तृतीय स्थान शिल्पी राय तथा विद्यार्थी वर्ग में प्रथम नैना निषाद, द्वितीय सूर्यकांत वर्मा, तृतीय फाल्गुनी साहू रही वही 70 शिक्षकों को शिकसा साहित्य सम्मान, 55 शिक्षकों को शिकसा शिक्षाश्री सम्मान, 21शिक्षकों को शिकसा ज्ञानदीप सम्मान, 60 शिक्षकों को शिकसा दूत सम्मान से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने अपने उदबोधन में कहा शिकसा व भाई शिवनारायण देवांगन से एक परिवारिक रिश्ता 25 वर्ष से बना है संयोजक आस के हर कार्यक्रम में अतिथि के बजाय एक सदस्य के रूप में आकर खुशी का अनुभव होता है और कोई भी कार्यक्रम मिस नही करना चाहता कोई भी कार्यक्रम हो प़थम प्राथमिकता शिकसा को देता हू।
अध्यक्षता कर रहे विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि मुझे शिक्षकों के बीच आकर खुशी का अनुभव होता है पहले मैं भी शिक्षक बनना चाहता था पर विधायक बन गया हूं शिक्षकों के लिये जो भी हो सके जरूर करूंगा।
विशेष अतिथि विधायक ललित चन्द्राकर ने कहा कि शिकसा विगत पांच वर्षों से निरंतर रचनात्मक व समाज सेवी कार्यो करते आ रहे भाई शिवनारायण देवांगन के नेतृत्व में निरंतर प्रगति कर रहा है।
अति विशिष्ट अतिथि महापौर अलका बाघमार ने कहा कि घर से निकला यही सोच रही थी कि शिकसा क्या है यहां आकार उतर मिला कि शिकसा याने शिक्षक कला व साहित्य अकादमी है ये बहुत बढ़िया संस्था बनाने के लिये संस्थापक देवांगन को बधाई आज विमोचन करने का अवसर मिला वही छत्तीसगढ़ी गीत सुनकर बचपन का याद ताजा हो गया आज शिक्षक ही संस्कृति व संस्कार को बचाने के लिये प्रयासरत इसके लिए शिकसा परिवार को बधाई देती हूं जो मुझे यहां आने का अवसर प्रदान किया।
विशेष अतिथि श्याम शर्मा, श्रद्धा साहू , जागेश्वरी मेश्राम व परसराम साहू ने भी अपना-अपना उदबोधन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में पंजीयन प्रभारी- प्रकाश चन्द्र चेलक, मंच व्यवस्था प्रभारी- राधेश्याम कवंर, होरीलाल चतुर्वेदी, स्वागत प्रभारी- नीता त्रिपाठी, पुष्पांजलि ठाकुर, सम्मान प्रभारी- डाॅ. बोधीराम साहू प्रदेश महासचिव, राघवेन्द्र राठौर, ईश्वरी देवांगन,भोजन प्रभारी जगन्नाथ देवांगन, मनोज कुमार गुप्ता, हरमन कुमार बघेल, अतिथि स्वागत प्रभारी- कौशलेंद्र पटेल, आरती शुक्ला, जलपान प्रभारी- संध्या पाठक, प्रीतिचंद्र मल्लिका, सांस्कृतिक प्रभारी- उषा भट्ट, हेमा चन्द्रवंशी, अनामिका चक्रवर्ती आदि ने अपना दायित्व निभाकर कार्यक्रम को सफल बनाये।
कार्यक्रम का सफल संचालन राधेश्याम कवंर संगठन मंत्री व शशिकला पाण्डेय सदस्य ने तथा आभार प्रर्दशन डॉ.शिवनारायण देवांगन”आस” संयोजक शिकसा ने किया।
इस अवसर पर रामलाल कोशले, आरती ठाकुर, आरती शुक्ला, चन्द्रकला शर्मा, विन्ध्यवासिनी पाण्डेय, देवकुमार बिरको, दुष्यंत कुमार वर्मा, ओ.पी.कौशिक, धर्मेन्द्र कुमार श्रवण, कामता प्रसाद साहू, कविता साहू, किरण शर्मा, ऋतु सिन्हा, शिवकुमार निर्मलकर, सुनीता जर्नादन, यशोदा राजपूत, भावना राजपूत, विजय लक्ष्मी राव, अनुरमा शुक्ला, हरनारायण साहू, दुर्गा देवांगन, दृष्टि देवांगन, यशवंत राजपूत, मनोज देशमुख, तारा बंछोर, दुर्गा पाठक, रामनारायण प्रधान, नीरा प्रधान, टेकराम जर्नादन, मदनलाल तोमर, आर. सत्यनारायण मूर्ति, आर.ज्योत्सना, पूनम नेताम, कविता नेताम, उत्तम साहू,संगीता शोरी,सती मरकाम,भुनेश्वरी धामड़े, नैना साहनी, ईनूराम वर्मा, प्रेमीन ध्रुव, चंद्रिका सिंह, सुखमती चौहान,निहारिका चन्द्राकर, देवनारायण राज, गयाराम ध्रुव, खिरमोतिन सिन्हा, ममता गुरूपंच, शकुंतला बंजारे, सारिका बंनसोड़े, विक्रम टंडन, लखेश्वर प्रसाद रात्रे, संतोषी डनसेना,ध्रुव, वीणा खमारी, सरस्वती राघव, तोरण सिंह वर्मा, वाकेश्वरी साहू, रेखा पात्रे, नरेश कुमार गुप्ता, जगेश्वर गहीर; कृष्ण कुमार नेताम, लीलेश कुमार राजेश, ओमप्रकाश डडसेना, लक्ष्मण पटेल, सोहित पटेल, संजय साहू, लक्ष्मीनारायण क्षत्री आदि सैकड़ो शिक्षक उपस्थित रहे।