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निराला साहित्य मंडल एवं महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस का आयोजन

विगत दिवस निराला साहित्य मंडल की प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदी भाषा के महत्व और गरिमा को उजागर करने के लिए हिंदी दिवस 2024 का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन निराला साहित्य मंडल और निराला साहित्य महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगा, जो कि जिले की साहित्यिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित और अग्रणी संस्थाएँ हैं।

इस वर्ष का हिंदी दिवस कार्यक्रम 14 सितंबर, शनिवार को सायं 4 बजे कैलाश सा मिल, पुराना कॉलेज रोड में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर मंडल के अध्यक्ष श्री राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता एवं मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष पं धीरेन्द्र बाजपेयी के संयोजन में हिंदी भाषा की गरिमा और महत्व पर गहन विचार-विमर्श और चर्चाएँ होंगी।
कार्यक्रम के मुख्य प्रवक्ताओं में भागवत भूषण पं. दिनेश दुबे, मुख्य संरक्षक पं. हरिहर प्रसाद तिवारी, अखिलेश कोमल पांडेय और नागेंद्र गुप्ता शामिल होंगे। ये विद्वान और प्रतिष्ठित वक्ता हिंदी भाषा की महत्ता एवं महानता पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत करेंगे, जिससे उपस्थित साहित्य प्रेमियों और हिंदी भाषा प्रेमियों को हमारी समृद्ध भाषा की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को गहराई से समझने का अवसर मिलेगा।
मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष पं धीरेन्द्र बाजपेयी ने बताया कि हिंदी दिवस के इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करना और समाज में इसकी व्यापक महत्ता को रेखांकित करना है। हिंदी न केवल हमारे देश की राजभाषा है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने की मजबूत कड़ी भी है। इस आयोजन के माध्यम से हम हिंदी भाषा की समृद्धि और गौरव का उत्सव मनाएंगे और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करेंगे।

प्रधान सचिव रविंद्र द्विवेदी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी साहित्यकारों, हिंदी प्रेमियों, श्रोताओं और जिले के विभिन्न संस्थानों से कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। उन्होंने कहा, “यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हिंदी भाषा के प्रति हमारी निष्ठा और प्रेम का प्रतीक है। हम सभी से निवेदन करते हैं कि वे इस महत्वपूर्ण आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इसे सफल बनाएं।”
इस अवसर पर मंडल के सदस्य और स्थानीय साहित्यिक प्रतिभाएँ भी अपने विचार और कविताएँ प्रस्तुत करेंगे, जिससे कार्यक्रम में और भी विविधता और गहराई का समावेश होगा।
उक्ताशय की जानकारी प्रधान सचिव रविंद्र द्विवेदी ने दी हैं।

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