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युक्तियुक्तकरण विसंगति पर मुख्यमंत्री के नाम मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन

जांजगीर/स्कूल शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्रक्रियाधीन युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी संदर्भित निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित, शिक्षक व पालक हितों के प्रतिकूल है, अतः स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम मे संशोधन करने हेतु  मांग तथा विसंगति पूर्ण आनलाईन अवकाश में सुधार व शिक्षक एल बी संवर्ग के मुख्य मांगो के सम्बंध में मांग पत्र मुख्यमंत्री,शिक्षा सचिव छत्तीसगढ़ शासन,लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के नाम ज्ञापन सयुक्त कलेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह को मोर्चा ने सौंपा। सौपे गए ज्ञापन में इन बातो पर रखी गई मांग प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे। 2008 के सेटअप जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था, और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे यह नियम व्यवहारिक नही है,तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है, अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर भी एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।
2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था, वर्तमान में एक पद कम कर दिया गया है यह व्यवहारिक नही है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है, अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।
प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50% तक कम होगी, इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णतः अनुचित है।
प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है, इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी।
बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा के संचालन हेतु न्यूनतम संख्या में भी 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक दिया जावे।
2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है इससे नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा।स्वामी आत्मानंद शालाओ में प्रतिनियुक्ति के शिक्षकों व शालाओ पर नियम की प्रभावशीलता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। युक्तियुक्तकारण से उच्चतर विद्यालय में काम का बोझ बढ़ जाएगा जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन सही तरीके से नही हो पायेगा। इस पूरी प्रकिया में समय / शासकीय सम्पत्तियो (रिक्त भवन जो खंडहर हो सकता है) एवं छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होगा।
एक ही परिसर में उच्चत्तर शाला में निचले शाला को मर्ज करना स्वतंत्र शाला के नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था पर विपरीत असर डालेगा। अतः किसी भी परिस्थिति में  एक ही परिसर  में स्थित शाला का पूरा नियंत्रण उच्चतर शाला को न दिया जावे।
प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा।बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित पोटा कैबिन में विभागीय सेट-अप स्वीकृत किया जावे।
युक्तियुक्तकारण की संपूर्ण प्रक्रिया सार्वजनिक की जावे तथा दावा आपत्ति करने व उसके निराकरण का समुचित अवसर प्रदान किया जावे। स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में  एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाए।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एजुपोर्टल में ऑनलाइन अवकाश के सम्बंध में नियम बनाया गया है वह विसंगतिपूर्ण है, जिसमें निम्नानुसार सुधार किया जावे ।
मेडिकल अवकाश, अर्जित अवकाश, संतान पालन अवकाश लेने के एक सप्ताह के अंदर एजुपोर्टल में ऑनलाइन एंट्री का ऑप्शन दिया जावे।
C L व O L अवकाश   को ऑफ लाइन आवेदन देने की प्रक्रिया को यथावत रखा जावे।शिक्षक एल बी संवर्ग का एक सूत्रीय मांग  पूर्व सेवा की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन का निर्धारण कर, सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर / क्रमोन्नत वेतनमान का निर्धारण कर, पुरानी पेंशन निर्धारित करे एवं कुल 20 वर्ष की पूर्ण सेवा में पुरानी पेंशन प्रदान किया जावे।इस दौरान प्रदेश उप संचालक बसंत चतुर्वेदी,जिला संचालक रविंद्र राठौर, संतोष शुक्ला,सैय्यद रफीक,सत्येंद्र शिंह जिला उप संचालक बोधीराम साहू,योगेंद्र शुक्ला,विजय प्रधान,गोकुल जायसवाल,आशीष सिंह,प्रदीप सिंह चंदेल,विकेश केशरवानी, पालेश ठाकुर,हरीश गोपाल,धनंजय शुक्ला,रेवती रमण सिंह,रितेश गोयल,संजय दुबे,नरेश गुरुद्वान,उमेश तेम्बुलकर, दिलीप लहरे,दिनेश तिवारी,परेश शिंह,शंकर यादव,मनीष शर्मा,टेकराम कुर्रे,किशोर सिंह,संतोष तिवारी,गोपाल जायसवाल,सुभाष शर्मा, जीवनलाल यादव,अशोक तिवारी,विवेक राठौर,शिव पटेल,रवि कुम्भकार, अमित मसीह,सनत सिदार, शिवलाल कहरा,सुमनलता यादव,रामकुमार चौहान,मनोज पटेल,संतराम जोशी,राकेश उपाध्याय,मदन आदित्य,भुवनेश्वर चंद्रा,चित्रकांत पाण्डेय,पीताम्बर साहू,दिलीप भारती,जयप्रकाश कश्यप,देवेंद्र तिवारी,मधु कार्केल,संगीता सोनी,होमेश्वर साहू,रमेश देवांगन,आशुतोष शर्मा,मुकेश दुबे, अंजू देवांगन बिना श्रीवास,विजय कोरी,अशोक मिरी,संजय चौहान,शशिकांत पांडे,अजय मधुकर,राजेश कश्यप,विनय कुमार चतुर्वेदी,चंद्रशेखर तिवारी सहित हजारों की संख्या में शामिल रहे।

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