तन और मन को संवारने की अद्भुत कला है योग-संदीप

कुटरा विद्यालय में योग दिवस का हुआ भव्य आयोजन
आज का दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण रहा महत्वपूर्ण इसलिए कि यह एकमात्र ऐसा दिवस है जिसमें हम अपने और सबके स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए योग की क्रियाकलापों में बच्चों के साथ मिलकर अभ्यास करते हैं। इसी तारतम्य में पंडित राम सरकार पांडेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा और शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुटरा जनपद प्राथमिक शाला कुटरा के संयुक्त तत्वाधान में योग दिवस का आयोजन प्राचार्य श्री संदीप श्रीवास्तव जी के मार्गदर्शन में किया गया। इस कार्यक्रम में योग शिक्षा के रूप में अपनी माहिती भूमिका व्याख्याता श्री अवधेश शर्मा जी ने निभाई। योग दिवस के इस अवसर पर अवधेश शर्मा जी के द्वारा समस्त शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सबसे पहले प्राणायाम की विविध कलाओं का प्रदर्शन करते हुए एवं एक साथ अभ्यास कराते हुए योग का महत्व प्रदर्शित किया गया। इसके बाद अवधेश शर्मा जी ने योग का आम जन जीवन में क्या महत्व होता है इस पर प्रकाश डाला। विद्यालय के प्राचार्य श्री संदीप श्रीवास्तव जी ने कहा तन और मन को संवारने की कला का ही नाम योग है एवं योग आत्मा और परमात्मा को जोड़ने की एक अद्भुत क्रिया है। विद्यालय में राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता श्री अनुराग तिवारी जी ने कहा योग से हम अपने आप को मन की गहराइयों में खोजने का सफल प्रयास करने में सक्षम हो पाते हैं। विद्यालय में संकुल प्रभारी श्री देवेंद्र साहू जी ने कहा कि योग एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा हम अपने आप को वर्तमान परिस्थितियों से चुनौती कर पाने में सक्षम महसूस करते हैं। शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रधान पाठिका श्रीमती इंदिरा शुक्ला जी ने योग के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। आज के इस कार्यक्रम में व्याख्याता श्री महावीर विजर्सन श्री मकरम कमलाकर श्री उमेश चौबे श्रीमती चंद्रावती रात्रे श्री लोकपाल सिंह ठाकुर कमल किशोर कौशिक श्री दौलत राम थबाइत सहायक शिक्षकों में श्री संतोष कुमार जगत श्री हरि कृष्णा सोनी श्रीमती रमेश करके श्री विजय कुमार बंजारे. नामदेव सर, ग्राम पंचायत कुटरा के सरपंच श्री छतराम कश्यप श्री भुवनेश्वर कश्यप श्री मिथुन कश्यप सहित बहुत अधिक संख्या में ग्रामीण जन और छात्र उपस्थित रहे।सभी ने विद्यालय के योग दिवस की सराहना की और योग के विषय में माहिती जानकारी प्राप्त की शासन को धन्यवाद दिया कि आज योग के माध्यम से एक समूह में जुड़कर सब एक मंच पर योग की विविध क्रिया को सीख कर भविष्य में अपने आप को सहज महसूस कर पा रहे हैं।