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दूधाधारी मठ में मनाया जा रहा है रामनवमीं

नवमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजीत हरिप्रता

चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी का त्यौहार श्री दूधाधारी मठ में बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जा रहा है, प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर ठीक 12:00 बजे अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्री राघवेंद्र सरकार जी एवं श्री स्वामी बालाजी का मंगल श्रृंगार आरती की गई। इस अवसर पर महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि -श्री दूधाधारी मठ के स्थापना काल से लेकर आज पर्यंत चैत्र शुक्ल नवमी को श्री रामनवमी के पावर अवसर पर भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्मोत्सव मनाये जाने की परंपरा है, श्री रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है कि- *नवमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छअभिजीत हरिप्रिता। मध्य दिवस आति सीत न घामा, पवन काल लोक बिश्रामा।।* अर्थात पवित्र चैत्र का महीना था, नवमी तिथि थी, शुक्ल पक्ष और भगवान का प्रिय अभिजीत मुहूर्त था। दोपहर का समय था। न बहुत सरदी थी न धूप थी। वह पवित्र समय सब लोकों को शांति देने वाला था। इसी समय भगवान का प्राकट्य हुआ। उसी तारतम्य में श्री बालाजी भगवान एवं श्री राम पंचायत में भगवान रघुनाथ जी का विशेष स्वर्ण श्रृंगार किया गया है। एकादशी तक भगवान के स्वर्ण श्रृंगार स्वरूप का दर्शन श्रद्धालु भक्तगण कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि रामनवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ भगवान के मंगल श्रृंगार आरती में उपस्थित हुई।  इसमें विशेष रूप से विजय पाली, राजेश अग्रवाल, रेखेद्र तिवारी, गणेश शंकर सोनकर, रत्नेश पाली, विनोद अग्रवाल, विश्वनाथ कौशिक सहित अनेक प्रतिष्ठित नागरिक गण तथा नागा जी महाराज, मोहनपुरी गोस्वामी,राम छवि दास जी, राम तीरथ दास जी, रामप्रिय दास जी, राम मनोहर दास जी, राम अवतार दास जी, रामदेव दास जी, राम लोचन दास जी, राम भूषण दास जी, जय शुक्ला, हर्ष दुबे, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित श्रद्धालु भक्तगण व माताएं बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

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