सियाराम मय सब जग जानी, करहु प्रणाम जोरि जुग पानी -राजेश्री महन्त जी
शिवरीनारायण मठ में आयोजित रविवारीय राम कथा में सम्मिलित हुए

शिवरीनारायण मठ में प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को आयोजित किए जाने वाले रविवारीय राम कथा में महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज शामिल हुए, उन्होंने भगवान रघुनाथ जी के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भगवान की विधिवत आरती की गई तत्पश्चात विभिन्न गांवों तथा दूर- दराज क्षेत्र से आए हुए वक्ताओं ने बारी-बारी से राम कथा सुना कर स्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि- संपूर्ण चराचर जगत में भगवान श्री हरि व्याप्त हैं, भगवान नरसिंह का अवतार निर्जीव खंबे से ही हो गया इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने श्री रामचरितमानस में लिखा है कि -सियाराम मय सब जग जानी, करहु प्रणाम जोरि जुग पानी ।।अर्थात संपूर्ण जगत को भगवान श्री हरि से युक्त समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि -जीवात्मा को अपने जीवन में प्रत्येक क्षण भगवान के नाम का सुमिरन, भजन करते रहना चाहिए और यदि यह संभव न हो सके तो -एक घड़ी आधी घड़ी आधि के पुनिआध्। अर्थात क्षण मात्र के लिए भी भगवान के नाम का सुमिरन करने से करोड़ों पापों से मुक्ति की प्राप्ति हो सकती है। इसलिए निरंतर हरि नाम का चिंतन करते ही रहना चाहिए। मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव ने इस अवसर पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि- जहं -जहं रामचरन चली जाहीं। तीन्ह सामान अमरावती नाहीं।। अर्थात जिन-जिन स्थानों पर भगवान के चरण कमल पड़े हैं उनके जैसा इंद्र की राजधानी अमरावती भी नहीं है। शिवरीनारायण क्षेत्र वासी सभी पुण्य की सीमा हैं कारण कि -गोस्वामी जी ने लिखा है कि -पुण्य पुंज मग निकट निवासी!! लोगों को मानस मर्मज्ञ एवं भागवताचार्य दिनेश गोस्वामी जी महाराज, पूर्व प्राचार्य गंगाराम केंवट, भगत राम साहू,पी आर साहू, गंगाराम पटेल, कुंज राम कश्यप, सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर विशेष रूप से कार्यक्रम के आयोजक निरंजन लाल अग्रवाल, जगदीश मंदिर के पुजारी श्री त्यागी जी महाराज, मुख्तियार सुखराम दास जी, कमलेश सिंह जी, पुरेंद्र सोनी, आदित्य जी, गणेश राम सोनी, असमान साहू, राम केवल साहू,सुखलाल साहू, सहित अनेक गणमान्य जन तथा श्रोतागण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का विधिवत संचालन रंगनाथ यादव ने किया। अपने इस प्रवास के दौरान राजेश्री महन्त जी महाराज ने कई शोक संतप्त परिवारों से भी सौजन्य भेंट मुलाकात की।