गोवर्धन पूजा का त्यौहार श्री दूधाधारी मठ में श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया

गौ माता को पवित्र जल से स्नान कराकर वस्त्र पहनकर पूजा की गई
छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर स्थित श्री दूधाधारी मठ में गोवर्धन पूजा का पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने अपने सहयोगियों तथा उपस्थित श्रद्धालु भक्तों सहित गौशाला में गाय की गोबर से बनाए गए गोवर्धन पर्वत की विधिवत पूजा-अर्चना कर पवित्र जल से स्नान करा कर, वस्त्र धारण किए हुए गौ माता की आरती पूजन संपन्न किया तदुपरांत भगवान राघवेंद्र सरकार की पूजा अर्चना कर उन्हें 56 भोग अर्पित किया गया। इस अवसर पर विशाल भंडारा का आयोजन हुआ जिसमें आसपास तथा दूर दराज से आए हुए हजारों श्रद्धालु भक्तों ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया। राजेश्री महन्त जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि – सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा का अत्यधिक महत्व है यह अहंकार पर प्रेम की विजय का प्रतीक है। भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी ने अहंकारी इंद्र के घमंड को चूर-चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपने सबसे छोटी उंगली में धारण किया और संपूर्ण बृजवासियों की मूसलाधार बारिश से रक्षा की तब से गोवर्धन पूजा का पर्व हम सभी लोग मनाते आ रहे हैं। हमें प्रकृति की भी संरक्षण करने की आवश्यकता है इसीलिए हम सभी गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत के साथ-साथ गौ माता की भी पूजा अर्चना कर उसे संरक्षण प्रदान करते हैं । गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर न्यायमूर्ति टीपी शर्मा, पूर्वक कलेक्टर एस के तिवारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के पूर्व सदस्य सचिव अनिल शर्मा, डॉक्टर आरके तिवारी, संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रशांत मिश्रा, तोय निधि वैष्णव, सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण तथा आम श्रद्धालु जन बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।