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राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अंतर्गत IIT भिलाई में शिक्षकों का प्रशिक्षण:

वर्तमान युग विज्ञान और टेक्नोलॉजी का युग है। आज कोई भी क्षेत्र विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी से अछूता नही रह गया है। इसकी उपयोगिता को समझते हुए स्कूलीय बच्चों में विज्ञान, गणित और टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से IIT भिलाई एवं समग्र शिक्षा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत तीन चरणों में शिक्षकों का प्रशिक्षण किया जा रहा है। इसके  प्रथम चरण का प्रशिक्षण दिनाँक 27/02/2025 से 01/03/2025 तक IIT भिलाई में आयोजित किया गया था। जिसमें राज्य स्तर से चयनित 51 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

      प्रशिक्षण की शुरुआत IIT भिलाई के निर्देशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने सभी प्रतिभागियों के स्वागत से किया। उन्होंने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज का युग विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी का युग है। आज दिन – प्रतिदिन नई – नई टेक्नोलॉजी का अविष्कार हो रहा है। जिससे हमारा जीवन सरल एवं सुखद बनता जा रहा है। अतः स्कूलीय बच्चों में शुरुआत से ही विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि एवं सकारात्मक सोच का विकास किया जाना चाहिए। पिछले कई वर्षों में भारत मे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। अन्य विकसित देशों की ही तरह भारत भी टेक्नोलॉजी में धीरे-धीरे आत्मनिर्भर होते जा रहा है। उन्होंने भारतीय दर्शन के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि किसी भी देश की दर्शन उस देश की आत्मा होती है। भारतीय दर्शन ज्ञान-विज्ञान और टेक्नोलॉजी से भरा हुआ है। अर्थात हमारा देश प्राचीन काल से ही ज्ञान-विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी से समृद्ध रहा है। दर्शन के बिना ज्ञान अधूरा है। अतः स्कूलीय जीवन से ही बच्चों में ज्ञान-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ-साथ दर्शन से भी रूबरू कराया जाना चाहिए। साथ ही हमे अपनी शिक्षण पध्दति को भी नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रवर्तित करना होगा जिससे बच्चों का संतुलित विकास हो सकेगा। इसी कड़ी में प्रशिक्षण के प्रथम एवं द्वितीय दिवस IIT के प्राध्यापकों डॉ. शेषा, डॉ. असरिफा, डॉ. नागेश, डॉ. गगन एवं डॉ. महबूब के द्वारा विज्ञान, गणित और प्रद्योगिकी से संबंधित विभिन्न शिक्षण विधियों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने – अपने व्याख्यान के द्वारा बच्चों में सरल व सहज तरीके से विज्ञान और प्रद्योगिकी के प्रति रुचि और सकारात्मक सोच विकसित करने के गुर सिखाए। तीसरे दिन प्रतिभागियों को विभिन्न विषयों से संबंधित प्रयोगशाला, प्रायोगिक कक्षा एवं IIT भिलाई द्वारा तैयार किये जा रहे विभिन्न शोध का प्रायोगिक तौर पर प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया। जिससे प्रतिभागियों को अपने सीखे ज्ञान को प्रत्यक्ष प्रमाणित कर पाने का अवसर प्राप्त हुआ। समग्र शिक्षा रायपुर से श्री राजकुमार चापेकर सर द्वारा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। जांजगीर-चाम्पा जिले से श्री भूपेंद्र कुमार जांगड़े शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कुथुर ने इस प्रशिक्षण में जांजगीर जिला का प्रतिनिधित्व किया । उन्होंने बताया कि बच्चों में विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि एवं सकारात्मक सोच का विकास करने में यह प्रशिक्षण मिल का पत्थर साबित होगा। प्रशिक्षण में सिखाएं गए हुनर हमे बच्चों को स्कूल से IIT जैसे उच्च संस्थान तक पहुंचाने में ब्रिज (सेतु) का कार्य करेगा।

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