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श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मिलता हैं मुक्ति का मार्ग – पंडित प्रेमशंकर चौबे

कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ गौटिया परिवार में श्रीमद् भागवत महापुराण

जांजगीर-चाम्पा। नवरात्रि के पावन पर्व पर सारागांव के गौटिया परिवार में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। कलश यात्रा कथा स्थल से बाजार चौक से छोटे गोटिया चौक व तिवारी बाड़ाहोते हुए शंकर बन्द तालाब पहुँची। जहाँ आचार्य द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर कलश में जलभर के  पुनः शंकर तालाब से कथा स्थल पहुँची। वही कथा के प्रथम दिवस व्यासपीठ पर विराजे पंडित प्रेमशंकर चौबे द्वारा अपनी मुखरवाणी से श्रीमद भागवत महापुराण कथा का रसपान कराते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के 18 हजार श्लोक हैं। जिसे पढ़ने या सुनने से मनुष्य को मुक्ति का मार्ग हैं, सत्य हर जगह हैं और चित मौन हैं वही आनंद अपने अंदर में है। भगवान जो हैं तीन प्रकार के लीला करते हैं ब्रम्हा, विश्णु और महेश। आचार्य ने आगे की कथा सुनाते हुए कहा कि सुत जी ने एक साथ 88 हजार महात्माओं को कथा सुनाए थे। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिवस 11 अपैल को शिव सति चरित्र, ध्रुव कथा, चौथे दिवस 12 अप्रैल को जड़भरत कथा, अजसमिल चरित्र नरसिंग, पाँचवे दिवस 13 अप्रैल को गजेन्द्र मोक्ष, वामन चरित्र, श्री कृष्ण प्रगट, छठवे दिवस 14 अप्रैल को श्री कृष्ण बाल लीला, सातवें दिवस 15 अप्रैल को कंस वध रुखमणि मंगल, 16 अप्रैल को द्वारिका लीला सुदामा चरित्र की कथा सुनाया जायेगा। इसके साथ ही उसी दिवस कथा विश्राम व चढ़होत्री का आयोजन भी होगा, वही अंतिम दिवस 17 अप्रैल को तुलसी वर्षा, हवन, सहस्त्रधारा स्नान, ब्राम्हण भोजन के साथ श्रीमद भागवत महापुराण का समापन होगा। श्रीमद् भागवत महापुराण की मुख्य यजमान के रूप में परमेश्वर-पार्वती राठौर बैठे थे। आज के कथा सुनने वालों में दुर्गा प्रसाद राठौर, सहस राम कर्ष, भुनेश्वर राठौर, रामकृष्ण राठौर, गौरीशंकर राठौर, श्रीमती मंजू राठौर, श्रीमती संतोषी राठौर, गिरधारी राठौर, गोपाल सिंह राठौर, रविशंकर राठौर, श्रीमती निखिल राठौर, मधु राठौर, श्रीमती शिवलता राठौर, दीपक राठौर, हरीश राठौर, ज्योति राठौर, सीमा राठौर, राहुल राठौर, आयान राठौर सहित पूरा गौटिया परिवारवासी सहित नगर के लोग मौजूद थे।

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