संत कवि पवन दीवान जी संत तो थे ही उनका राजनीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रहा है- राजेश्री महन्त जी

राजिम में महानदी के संगम तट पर स्थित आश्रम में संत कवि पवन दीवान जी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर आश्रम में अध्यनरत बटुकों ने भजन संध्या प्रस्तुत की। कार्यक्रम में उपस्थित महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज, स्वामी सर्वेश्वरानंद जी, इंदौर से पधारे हुए राधे-राधे संस्था से मनमोहन दास जी, पीतांबरा पीठाधीश्वर दिनेश पांडे जी महाराज सहित सभी अतिथियों ने ब्रह्मलीन श्री पवन दीवान जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वागत के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि- पवन दीवान जी संत तो थे ही राजनीति में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान था। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में जेल मंत्री के रूप में अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं, साथ ही उन्होंने सांसद के रूप में भी जन सेवाएं की। हम सभी का एक ही उद्देश्य है संस्कृत का उत्थान करना यह पूरा होगा ऐसी हमारी मान्यता है। सर्वेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि- जब भी यहां आता हूं स्थान को देखकर बहुत प्रसन्नता होती है। आप सभी हमारे सनातन संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं यह हम सबके लिए गौरव का विषय है। मनमोहन दास जी ने कहा कि- हमारे गुरुकुल की परंपरा को जीवंत बनाने का कार्य हो रहा है यह हम सबके लिए हर्ष का विषय है। लोगों को पीतांबरा पीठाधीश्वर श्री पांडे जी एवं भागवताचार्य दिनेश दुबे जी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विशेष रूप से पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, अरुण दीवान, पुरानीक जी, संदीप तिवारी, विकास तिवारी, पंडित युवराज शर्मा, देवा लाल सोनी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव अनिल तिवारी ने एवं आभार संदीप तिवारी ने व्यक्त किया।