राम काज किन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम -राजेश्री महन्त जी

महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने सिरकट्टी आश्रम कुटेना, जिला गरियाबंद पहुंचकर भगवान राघवेंद्र सरकार जी और माता जानकी जी का दर्शन पूजन के साथ श्री राम कथा में सम्मिलित हो कर श्रोताओं को आशिर्वचन प्रदान किया। स्वागत के पश्चात उन्होंने श्रोताओं को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि- इस आश्रम के पूर्वाचार्य सन्त श्री सिया भुवनेश्वरी सरन जी महाराज का श्री दूधाधारी मठ से बहुत ही आत्मीय संबंध था। वे जब भी अयोध्या की यात्रा पर जाते थे तो पहले श्री दूधाधारी मठ में ठहरते थे उसके पश्चात रवाना होते थे और जब अयोध्या से वापस होते थे तब भी वे वहां ठहरते थे। यहां के श्री महन्त गोवर्धन सरन जी महाराज अपने गुरु महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर आश्रम के चहुं मुखी विकास में लगे हुए हैं। इन्होंने श्री रामचरितमानस के उस पंक्ति को आत्मसात किया है जिसमें हनुमान जी महाराज ने कहा है कि -रामकाज किन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम राजेश्री महन्त जी ने आगे कहा कि -जब मैं छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष था तब भी यहां अनेकों बार आया और श्री महन्त जी को हमेशा गौ सेवा करते हुए पाया। कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रयागराज से पधारे हुए सन्त श्री रामशिरोमणि दास जी महाराज ने भी लोगों को संबोधित किया और कहा कि- इस आश्रम में आज से 15- 16 वर्ष पूर्व दर्शन करने का सौभाग्य मुझे मिला था आज पूज्य गुरुदेव राजेश्री महन्त जी महाराज का इस दास पर कृपा हुई और पुनः दर्शन करने का शुभ अवसर मिला इसके लिए मैं आभारी हूं। कार्यक्रम में सन्त रामगोपाल दास जी महाराज,कुटेना आश्रम के श्री महन्त गोवर्धन सरन जी महाराज, रामसेवक सरन जी, ईश्वर सरन जी, दीनदयाल सरन जी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे सहित अनेक सन्त महात्मा एवं श्रद्धालु भक्त गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।