Uncategorized

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष

बुद्धिमत्ता,आरोग्यता,दुर्बलता,स्वस्थ मानसिकता के लिए हैं योग की सार्थकता- रविन्द्र द्विवेदी

गर्वित है योग विद्या पर,
जिसने राह दिखाई।
तन-मन को संयमित कर,
सजीवता दिलाई॥
सुबह की किरणों संग,
जब योग साधना होती।
हर सांस में बस जाती
नयी स्फूर्ति की ज्योति॥
प्राणायाम की अभ्यास
करती मन को शुद्ध।
ध्यान की गहराई में ही,
मिलता सच्चा सुख॥
तन मन का यह मेल हैं
योग की सच्ची रीत।
जीवन में इसे उतारकर
पायें सबसे प्रीत।।
योग दिवस की बेला में
हम सब लें संकल्प।
नियमित हम सब योग करे,
योग का नहीं विकल्प॥
योग एक प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य पद्धति है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन शैली है, जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित और सुदृढ़ बनाने में सहायक है। आज के तनावपूर्ण और व्यस्त जीवन में योग की प्रासंगिकता और महत्व और भी बढ़ गया है।
योग का इतिहास हजारों साल पुराना है। इसका उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे ऋग्वेद, उपनिषद, भगवद्गीता और महाभारत में मिलता है। महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र के माध्यम से योग को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने अष्टांग योग के आठ अंगों (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि) के माध्यम से योग के अभ्यास और सिद्धांतों को समझाया हैं।
योग की सार्थकता को समझने के बाद इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है। योग का प्रभाव तब ही अधिकतम होता है जब इसे नियमित रूप से अभ्यास किया जाए। एक सुव्यवस्थित योग अभ्यास दिनचर्या हमें निरंतर ऊर्जा और ताजगी प्रदान करती है।
सुबह का समय योग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह दिन की शुरुआत को सकारात्मक बनाता है और शरीर को दिनभर की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
यदि आप योग में नए हैं, तो शुरुआत में हल्के आसनों और सरल प्राणायामों से शुरुआत करें। जैसे-जैसे आप सहज होते जाएंगे, धीरे-धीरे अभ्यास को बढ़ाएं। योग का अभ्यास नियमित समय पर और अनुशासन के साथ करना चाहिए। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ होते हैं और अभ्यास की प्रभावशीलता बढ़ती है।

योग का लाभ केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि समाज और परिवार के स्तर पर भी होता है। यदि परिवार के सभी सदस्य नियमित रूप से योग का अभ्यास करें, तो पूरे परिवार का स्वास्थ्य और मनोबल उच्च रहता है। परिवार के साथ योग अभ्यास करने से न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि आपसी संबंध भी मजबूत होते हैं। यह समय एक साथ बिताने का स्वस्थ और सकारात्मक तरीका हो सकता है।
समुदाय में योग के प्रसार से सामूहिक स्वास्थ्य और सद्भावना बढ़ती है। सामुदायिक योग सत्र या योग शिविरों का आयोजन करके योग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सकता है।
योग शिक्षकों और गुरुओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे योग के सही तरीके और तकनीक को सिखाते हैं और अभ्यास के दौरान होने वाली गलतियों को सुधारते हैं। 
एक योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन में योग अभ्यास करने से सही तकनीक का ज्ञान होता है और चोट लगने की संभावना कम हो जाती हैं। योग गुरुओं का आशीर्वाद और शिक्षण हमें योग के गहन और आध्यात्मिक पक्ष से जोड़ता है। उनकी शिक्षाओं से हमें योग के मूल सिद्धांतों और उसकी गहनता को समझने में मदद मिलती है।
“करें योग, रहें निरोग” का संदेश हमें अपने जीवन में योग को शामिल करने और इसके अनगिनत लाभों का अनुभव करने की प्रेरणा देता है। योग के नियमित अभ्यास से न केवल हमारा शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है। यह हमें एक संतुलित, स्वस्थ और आनंदमय जीवन जीने का मार्ग दिखाता है।
योग का अभ्यास व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर न केवल हमें निरोग रखता है, बल्कि समाज और परिवार के स्वास्थ्य और खुशहाली को भी बढ़ाता है। योग शिक्षकों और गुरुओं का मार्गदर्शन हमें योग के सही अभ्यास और उसकी गहनता को समझने में मदद करता है।
इसलिए, आइए हम सब इस अद्वितीय विद्या को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और “करें योग, रहें निरोग” के मंत्र को सार्थक बनाएं। इससे न केवल हमारा व्यक्तिगत जीवन सुधरेगा, बल्कि हम एक स्वस्थ, सुखी और संतुलित समाज का निर्माण भी कर पाएंगे।
आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आप सभी को अनवरत बधाई एवं असंख्य शुभकामनाओं सहित।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button