ठाकुर जी के लिए मंदिर का निर्माण बहुत कम पुण्यात्मा ही कर पाते हैं -राजेश्री महन्त जी

वर्तमान समय में समाज में सर्वाधिक कमी संस्कार में हुई है
महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज अपने एकदिवसीय प्रवास के तहत जिला गरियाबंद के पांडुका के समीप स्थित कुटेना आश्रम पहुंचे यहां उन्होंने मानस यज्ञ में सम्मिलित होकर यज्ञ स्थल में पूजा अर्चना की एवं संपूर्ण जगत के कल्याण की कामना की। कुटेना आश्रम के महन्त श्री गोवर्धन शरण दास जी महाराज ने अपने सहयोगियों सहित उनका बहुत ही आत्मियता पूर्वक स्वागत किया। अपने आशीर्वचन संदेश में श्रोताओं को संबोधित करते हुए राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि- दुनिया में अपने लिए मकान तो सभी लोग बनाते हैं लेकिन ठाकुर जी के लिए मंदिर का निर्माण बहुत कम पुण्यात्मा ही कर पाते हैं, इस संस्था के संस्थापक पूज्य भुवनेश्वरी शरण जी महाराज ने एक छोटा सा पौधा रोपित किया था जिसे वर्तमान महन्त जी महाराज ने विशाल वृक्ष का रूप प्रदान किया है, वे सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन इसके लिए समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज में सबसे कमी संस्कार की हुई है। श्री रामचरितमानस हमें संस्कारित करता है। गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है -प्रात काल उठिके रघुनाथा, मातु-पिता गुरु नावहिं माथा।। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गोवर्धन शरण जी महाराज ने कहा कि- हम सभी के लिए सौभाग्य का विषय है कि- पूज्य महाराज जी श्री दूधाधारी मठ से हम सबको आशीर्वाद देने के लिए यहां पधारे हैं, वे हमारे सामान्य से निमंत्रण पर हमेशा आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित होते हैं- तुलसी इस संसार में पांच रत्न है सार। संत मिलन और हरि भजन। दया धर्म उपकार।। जब जन्मों के पुण्य संचित होते हैं तब संत महात्माओं का दर्शन होता है आज महाराज जी ने हम सबको दर्शन देकर कृतार्थ किया है। इस अवसर पर श्री राम सेवक शरण जी महाराज, ईश्वर शरण जी महाराज, रामायणी जी महाराज एवं आश्रम के सभी संत महात्मागण तथा मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।