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कथा में संतों का दर्शन हो जाए वही कथा सबसे अच्छी है -आचार्य रत्नेश जी महाराज

श्री सालासर बालाजी, अग्रसेन भवन, रायपुर में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज सम्मिलित हुए। उन्होंने व्यास पीठ पर विराजित अनंत श्री विभूषित श्रीधाम अयोध्या से पधारे हुए आचार्य रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज का शाल श्रीफल से सम्मान किया। आचार्य जी ने भी पुष्पमाला पहनकर अभिवादन किया। इस अवसर पर राजे‌श्री महन्त जी महाराज ने श्रोताओं को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि- आचार्य जी श्रीधाम अयोध्या से पधारे हुए हैं वे मानस मर्मज्ञ हैं। उन्हें वाल्मीकि रामायण कंठस्थ है। श्री राम कथा में वे प्राय: वाल्मीकि रामायण की ही कथा श्रोताओं को सुनते हैं जिसे सुनकर लोग भाव विभोर हो जाते हैं। एक माह के अंदर छत्तीसगढ़ में उनका तीसरी बार पदार्पण होगा जो हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि- मैं विगत 22- 23 वर्षों से लोगो श्री राम कथा सुनाते आ रहा हूं। इस लंबे समय अंतराल में मैंने महाराज जी के जैसा कोई संत नहीं देखा जो एक आसन पर बैठकर प्रत्येक दिन 7 -8 घंटे तक भगवान की कथा का रसपान करता हो! आज उनका दर्शन लाभ हम सभी को प्राप्त हो रहा है यह ईश्वर की कृपा का प्रतिफल है। उल्लेखनीय है कि आचार्य रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज 13 नवंबर से 21 नवंबर सन 2024 तक श्री दूधाधारी मठ में तथा उसके पश्चात शिवरीनारायण मठ में संगीतमय श्री राम कथा एवं भव्य संत सम्मेलन में व्यास पीठ पर विराजित होंगे।

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