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तापस वेश विशेष उदासी चौदह वरष राम वनवासी- राजेश्री महन्त जी

रविवारीय राम कथा का हुआ आयोजन शिवरीनारायण मठ में

भगवान श्री शिवरीनारायण की पावन धरा शिवरीनारायण मठ में रविवारीय राम कथा का आयोजन हुआ इसका शुभारंभ सुबह 10:00 बजे भगवान राम जानकी के तैल चित्र तथा रामायण जी की आरती के साथ हुई। ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों से आए हुए मानस के प्रवक्ताओं ने अपनी- अपनी बारी के अनुसार उपस्थित श्रोताओं को रामचरितमानस का रसपान कराया। इस अवसर पर श्रोताओं को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने कहा कि -तापस वेश विशेष उदासी चौदह वरष राम वनवासी।। अर्थात यह चौपाई जब रामचरितमानस में आया तब लोग जानने लगे की भारत कौन है? कारण कि माता कैकेई ने भारत जी के लिए ही राजा दशरथ जी से राम के लिए मुनि का वेश और चौदह वरष की वनवास का वरदान की मांग रखी थी। उन्होंने शिवरीनारायण मठ में सफलतापूर्वक रविवारीय राम कथा के आयोजन होने के लिए मारुति मानस प्रचार समिति के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर मानस प्रवक्ता गंगाराम केंवट ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि- नदी नहाए पूरा पाये, तलाब नहाए आधा। कूप नहाए कुछ ना पाए, घर नहाए ब्याधा।। शिक्षक कोमल साहू तथा कुंज राम कश्यप ने रामचरितमानस की चौपाई- तेहि अवसर ईक तापस आवा। पर अपना व्याख्यान विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया। मानस मर्मज्ञ दिनेश गोस्वामी जी ने कहा कि- यदि कोई राम के प्रति अपराध करता है तो राम जी उसे क्षमा कर देते हैं लेकिन जब कोई उनके भक्तों के प्रति अपराध करता है तो भगवान उसे क्षमा नहीं करते। लोगों को मुनीराम साहू, बिहारी लाल भारद्वाज, परदेसी लाल साहू, गंगाराम पटेल, राम भरोस साहू, नरोत्तम कश्यप, शिवकुमार द्विवेदी सहित अनेक मानस वक्ताओं ने श्री रामचरितमानस की कथा का रसपान कराया। इस अवसर पर श्री त्यागी जी महाराज, सुखराम दास जी, पुरेंद्र सोनी, सुकलाल साहू, रामकिशुन साहू, राधे लाल साहू, मोहनलाल जी,मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रंगनाथ यादव ने किया। उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण मठ में रविवारीय राम कथा का आयोजन प्रत्येक माह के दूसरे रविवार को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 तक किया जाता है। दोपहर 2:00 बजे सभी वक्ताओं तथा श्रोताओं के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था कार्यक्रम के आयोजक श्री निरंजन लाल अग्रवाल के द्वारा की जाती है।

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