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आप जिसे पार उतार देते हैं वह लौटकर नहीं आता- रत्नेश प्रपन्नाचार्य

यदि जीवन में कोई श्रेष्ठ संत मिल जाए तो समझ लेना कि जीते जी मोक्ष की प्राप्ति हो गई

निषादराज केंवट ने भगवान से कहा कि- हम दोनों केंवट ही तो हैं, आप जिसे पार उतार देते हैं वह लौटकर इस दुनिया में कभी नहीं आता! लेकिन मैं जिसे पर उतरता हूं वह इस घाट पर आते-जाते रहता है। मैं भी यही चाहता हूं कि आपके जैसा यात्री यहां पर निरंतर आता- जाता रहे। यह बातें अवधपुरी धाम से पधारे हुए अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने संगीतमय श्री राम कथा एवं भव्य संत सम्मेलन में श्रोताओं को श्री रामचरितमानस की कथा का रसपान कराते हुए अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा कि- गंगा पार उतारने के पश्चात जब भगवान केंवट को भेंट प्रदान करना चाह रहे थे तब केंवट ने कहा कि -हे प्रभु आज मुझे संसार की सारी संपत्ति मिल गई, अब यह भेंट देकर मुझे छोटा न बनाइये, फिरते वक्त जब आप इस घाट पर आएंगे तब आप जो कुछ भी मुझे देंगे उसे मैं अपना लूंगा! यह कह कर केंवट प्रभु के चरणों में गिर पड़ा। दुनिया को फल देने वाले प्रभु श्री राम को जंगल में निवास करने वाले कोल- भीलों ने जंगल से ला करके फल प्रदान किया। जीवन में यदि कोई श्रेष्ठ संत आ जाए तो समझ लेना कि जीते जी मोक्ष की प्राप्ति हो गई ।
शिवरीनारायण मठ महोत्सव में लोग परिवार सहित दूर-दूर से सम्मिलित होने के लिए आ रहे हैं यहां आकर माताएं ढोलक, मंजीरा के साथ भजन कीर्तन भी करती हैं, नगर के सभी नागरिक बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को भोजन प्रसाद वितरित करने में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। बालिकाएं भी सेवा के कार्य में लगी हुई है, स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी श्रद्धालु भक्तों को भोजन प्रसाद वितरित करते हुए नजर आ रहीं हैं।  शिवरीनारायण अध्यात्मिक नगर है यहां चारों ओर श्री सीताराम विवाह महोत्सव की खुशियां दिखाई दे रही है। सप्तम दिवस कथा श्रवण करने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्याय मूर्ति राजेंद्र चंद्र सिंहदेव (सामंत) जी सपरिवार सम्मिलित हुए।

श्री सीताराम विवाह महोत्सव 6 दिसंबर को

शिवरीनारायण मठ में दिनांक 6 दिसंबर 2024 दिन शुक्रवार तदनुसार मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी को श्री राम जानकी विवाह उत्सव अत्यंत श्रद्धा भक्ति पूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम 4:00 बजे शिवरीनारायण मठ से भगवान की भव्य झांकी बारातियों के साथ नगर भ्रमण के लिए निकाली जाएगी। प्रत्येक वर्ष नगर वासियों के द्वारा अपने-अपने प्रतिष्ठानों के समक्ष बारातियों का अत्यंत आदर पूर्वक स्वागत किया जाता है। लोग अपने दरवाजों के सामने आतिशबाजी करके बारातियों को मिष्ठान, वस्त्र ,शीतल पेय आदि वितरित करते हैं। बारातियों के साथ शोभा यात्रा में महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज, स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज सहित संत महात्माओं की टोली तथा नगर वासी  विशिष्ट एवं अति विशिष्ट लोग बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे।

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