भाई दूज: भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व

भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का प्रतीक है, जिसे दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसकी आरती उतारती हैं। इसके पीछे यह मान्यता है कि तिलक से भाई की रक्षा होती है और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। भाई दूज का यह अनुष्ठान भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का प्रतीक बन गया है।
इस पर्व का विशेष महत्व भारतीय संस्कृति में इसलिए भी है क्योंकि यह परिवार में आपसी स्नेह और अपनत्व की भावना को मजबूत करता है। इस दिन भाई भी अपनी बहन को उपहार देकर उसके प्रति सम्मान और आभार प्रकट करता है। भाई दूज हमें यह सिखाता है कि भाई-बहन का रिश्ता केवल खून का ही नहीं बल्कि एक गहरा भावनात्मक बंधन है, जो जीवन भर साथ निभाने का वचन देता है।
इस तरह, भाई दूज का पर्व हमारे समाज में भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक बनकर हर वर्ष हमारे जीवन में खुशियों का संचार करता है।